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Tuesday, 31 July 2012
Friday, 27 July 2012
CWP No. 3114 of 2012 1
IN THE HIGH COURT OF PUNJAB AND HARYANA AT
CHANDIGARH.
CWP No. 3114 of 2012
Date of Decision : February 21, 2012
Kalawanti Thakral and others
PETITIONERS ....
Vs.
State of Haryana and another
RESPONDENTS .....
CORAM : HON'BLE MR. JUSTICE AUGUSTINE GEORGE MASIH
* * *
Present : Mr. Vikas Kuthiala, Advocate,
for the petitioners.
* * *
AUGUSTINE GEORGE MASIH, J. (ORAL)
Petitioners have approached this Court with a prayer that
the ad-hoc service rendered by them prior to the regularization is not
being counted towards the seniority despite their initial selection
being in accordance with the statutory Rules. They contend that the
claim made by them in their representations, which have been
appended as Annexure P-6 (Colly), is based upon a Division Bench
judgment of this Court passed in CWP No. 2409 of 2008 titled as
Vijay Singh and others vs. State of Haryana and others, decided CWP No. 3114 of 2012 2
on 18.12.2008, wherein similarly placed employees of the same
department have been held entitled to the benefit of counting the adhoc service towards seniority for promotion to the post of Lecturer.
Petitioners contend that unless the claim of the petitioners is decided
prior thereto, they would suffer a loss.
Counsel, in the light of the pleadings, submits that the
petitioners, at this stage, would be satisfied if a direction is issued to
the Director, School Education, Haryana-respondent No. 2 to
consider the representations submitted by the petitioners, copies of
which have been appended as Annexure P-6 (Colly) within some
specified time.
Without going into the merits of the case or commenting
thereon, the present petition is disposed of with directions to the
Director, School Education, Haryana-respondent No. 2 to consider
the representations submitted by the petitioners, Annexure P-6
(Colly) within a period of two months from the date of receipt of
certified copy of this order. The decision so taken be conveyed to
the petitioners forthwith.
(AUGUSTINE GEORGE MASIH )
February 21, 2012 JUDGE
IN THE HIGH COURT OF PUNJAB AND HARYANA AT
CHANDIGARH.
CWP No. 3114 of 2012
Date of Decision : February 21, 2012
Kalawanti Thakral and others
PETITIONERS ....
Vs.
State of Haryana and another
RESPONDENTS .....
CORAM : HON'BLE MR. JUSTICE AUGUSTINE GEORGE MASIH
* * *
Present : Mr. Vikas Kuthiala, Advocate,
for the petitioners.
* * *
AUGUSTINE GEORGE MASIH, J. (ORAL)
Petitioners have approached this Court with a prayer that
the ad-hoc service rendered by them prior to the regularization is not
being counted towards the seniority despite their initial selection
being in accordance with the statutory Rules. They contend that the
claim made by them in their representations, which have been
appended as Annexure P-6 (Colly), is based upon a Division Bench
judgment of this Court passed in CWP No. 2409 of 2008 titled as
Vijay Singh and others vs. State of Haryana and others, decided CWP No. 3114 of 2012 2
on 18.12.2008, wherein similarly placed employees of the same
department have been held entitled to the benefit of counting the adhoc service towards seniority for promotion to the post of Lecturer.
Petitioners contend that unless the claim of the petitioners is decided
prior thereto, they would suffer a loss.
Counsel, in the light of the pleadings, submits that the
petitioners, at this stage, would be satisfied if a direction is issued to
the Director, School Education, Haryana-respondent No. 2 to
consider the representations submitted by the petitioners, copies of
which have been appended as Annexure P-6 (Colly) within some
specified time.
Without going into the merits of the case or commenting
thereon, the present petition is disposed of with directions to the
Director, School Education, Haryana-respondent No. 2 to consider
the representations submitted by the petitioners, Annexure P-6
(Colly) within a period of two months from the date of receipt of
certified copy of this order. The decision so taken be conveyed to
the petitioners forthwith.
(AUGUSTINE GEORGE MASIH )
February 21, 2012 JUDGE
Wednesday, 25 July 2012
अध्यापक ने छात्र को पीटा
जागरण संवाद केंद्र, बहादुरगढ़ : खेड़ी आसरा के सरकारी में अध्यापक ने आठवीं कक्षा के एक छात्र की बेरहमी से पिटाई कर दी। मामले में पीडि़त छात्र के परिजनों के साथ स्कूल में पंचायत बुलाई गई। स्कूल के शिक्षक प्रमोद ने गुलशन की इसलिए पिटाई शुरू कर दी क्योंकि वह गांव के जोहड़ से मछली पकड़कर लाया और स्कूल में चौकीदार के साथ मिलकर पकाकर खा गया। इस पर शिक्षक ने छात्र गुलशन की जमकर पिटाई की। वह घर पहुंचा तो उसकी हालत देख परिजन आक्रोशित हो उठे। परिजनों के साथ ही अन्य ग्रामीण भी स्कूल में पहुंच गए। लोगों के बीच स्कूल प्राचार्य रणबीर व शिक्षक प्रमोद ने छात्र के परिजनों से माफी मांगी। उधर शिक्षक प्रमोद का कहना है कि उन्होंने गुलशन को समझाया था। गुलशन को पीटने के पीछे उनका उद्देश्य उसे सुधारना था।
बच्चों से पंखा झलवाने पर शिक्षिका निलंबित
संवाद सहयोगी, पिपली (कुरुक्षेत्र) : राजकीय प्राथमिक विद्यालय उमरी की मुख्य शिक्षिका को बच्चों से पंखा झलवाना महंगा पड़ गया है। दोषी शिक्षिका को निलंबित कर दिया गया है। सोमवार को जिला परिषद के चेयरमैन प्रवीण चौधरी के औचक निरीक्षण में इस मामले का खुलासा हुआ था। राजकीय प्राथमिक विद्यालय के निरीक्षण के समय ही चेयरमैन को शिक्षिका बच्चों से पंखा झलवाती मिली। उस समय मुख्याध्यापिका कुर्सी पर बैठी अपने कार्य में व्यस्त थी और छोटे बच्चे शिक्षिका पर पंखा झोल रहे थे। जिला परिषद अध्यक्ष ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए इसकी शिकायत जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सुमन आर्य और उपायुक्त मनदीप बराड़ से की। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सुमन आर्य ने बताया कि मुख्याध्यापिका द्वारा किया गया कार्य शिक्षा के अधिकार कानून के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने बताया शिक्षिका को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उनके स्थान पर मंगलवार को शिक्षक भेज दिया जाएगा। रोज होता था ऐसा उमरी स्कूल में यह घटना एक दिन की नहीं है। यह शिक्षिका रोज ही बच्चों से पंखा झलवाती रही है। यह कोई और नहीं बल्कि खुद शिक्षिका ने ही जिला परिषद के चेयरमैन को बताया है। निरीक्षण के दौरान जिला परिषद अध्यक्ष प्रवीण चौधरी ने जब शिक्षिका द्वारा बच्चों से पंखा झलवाने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि यह बच्चों का ही काम है और ये हर रोज करते हैं। यह सुनकर प्रवीण चौधरी भी हैरान रह गए। इसके बाद उन्होंने मौके पर जाकर विद्यालय के हाजिरी रजिस्टर भी चेक किया।
Sunday, 22 July 2012
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Posted: 21 Jul 2012 06:51 AM PDT
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Posted: 21 Jul 2012 06:40 AM PDT
प्रदेश सरकार ने सभी वित्त आयुक्तों, विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्तों, उपायुक्तों, निगमों व सार्वजनिक उपक्रमों के प्रबंध निदेशकों और सभी विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रारों को हिंदी भाषा में कार्य करने के लिए कहा है। सरकार का कहना है कि हरियाणा एक हिंदी भाषी राज्य है। अधिकारियों को सभी हिंदी समाचार पत्रों को विज्ञापन, सार्वजनिक सूचनाएं इत्यादि हिंदी में जारी करने के लिए कहा गया है। शुक्रवार को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इस आशय का एक परिपत्र जारी किया गया है
\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\ मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि सेवानिवृत्ति के लिए 60 वर्ष की आयु सीमा सिर्फ निजी संस्थानों में कार्य कर कर्मचारियों के लिए है। मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों के सवाल का जवाब दे रहे थे। श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री पंडित शिव लाल शर्मा द्वारा श्रमिकों की आयु 60 वर्ष तक बढ़ाए जाने के संबंध में उन्होंने कहा कि यह केवल निजी उद्योगों के लिए लागू होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे लंदन ओलंपिक में खिलाडि़यों की हौसला अफ्जाई के लिए जाने के इच्छुक हैं। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी द्वारा बड़ी भागीदारी निभाने के संबंध में उन्होंने कहा कि राहुल गांधी पार्टी के महामंत्री हैं। वह पार्टी कार्यकारिणी की बैठक में इस मुद्दे को पहले ही उठा चुके हैं। उन्होंने कहा कि एक सामाजिक चेतना के लिए यह सही कदम है। इसके लिए राज्य सरकार ने गांव को एक करोड़ रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की है। पंचकूला में राष्ट्रीय फैशन टेक्नोलॉजी स्थापित करने के लिए केंद्रीय उद्योग, वाणिज्य एवं कपड़ा मंत्री आनंद शर्मा द्वारा सैद्धांतिक रूप से सहमति दिए जाने के संबंध में हुड्डा ने कहा कि सरकार ने जमीन की पेशकश की है \\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\ शिक्षा विभाग की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है। विभागीय कर्मचारियों की लापरवाही के कारण कुछ माह पहले बंद कर दिए गए स्कूलों के नाम भी ग्रांट जारी कर दी गई है। शिक्षा विभाग ने कुछ माह पहले प्रदेश के करनाल, यमुनानगर, अंबाला, फतेहाबाद, जींद, पानीपत, पंचकूला, कैथल, भिवानी, रेवाड़ी व सोनीपत के ऐसे प्राइमरी स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया था, जहां पर छात्र संख्या 25 से कम थी। प्रदेशभर में ऐसे 124 स्कूलों को बंद करके इनके विद्यार्थियों को पास के स्कूलों में समायोजित किया गया था। इसके बावजूद शिक्षा विभाग ने बंद किए गए स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की वर्दी, स्टेशनरी, बैग व अन्य फंड की राशि जारी कर दी है। इन 124 स्कूलों में पहले पढ़ने वाले बच्चों के लिए स्टेशनरी के 150 रुपये, बैग के 120 रुपये, 18 रुपये फीस व फंड तथा 400 रुपये वर्दी प्रति छात्र के हिसाब से संबंधित एसएमसी व होल्डर के खाते में ट्रांसफर किए गए हैं। अब इन खातों की राशि को विभाग को ट्रांसफर करने के लिए इन स्कूलों में इंचार्ज रहे अध्यापकों को जिला मुख्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। हरियाणा राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश महासचिव दीपक गोस्वामी का कहना है कि विभाग के कर्मचारियों को चाहिए कि वे ठीक प्रकार से रिव्यू करके बजट को स्कूलों के खाते में डाले। मौलिक शिक्षा निदेशक डॉ. अभय सिंह यादव ने संपर्क करने पर कहा कि जो स्कूल मर्ज हो चुके हैं, उन्हें ग्रांट जारी नहीं हो सकती। यदि किसी प्रकार की तकनीकी दिक्कत के कारण ऐसा हुआ होगा तो उसे ठीक करा दिया जाएगा \\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\ हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा इतिहास लेक्चरर (स्कूल कैडर) की भर्ती में लिखित परीक्षा में अयोग्य ठहराए गए उम्मीदवारों का फाइनल सलेक्शन करने के मामले में योग्य उम्मीदवारों ने माननीय पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर है। इस याचिका पर माननीय पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए है। इस मामले में अगली सुनवाई 22 अगस्त को निर्धारित की गई है। हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा जारी किए गए इतिहास (स्कूल कैडर) के परिणाम में काफी गड़बड़ी उम्मीदवारों ने जताई थी। इसके तहत 19 दिसंबर 2010 को स्क्रीनिंग टेस्ट हुआ था, जिसका परिणाम 24 दिसंबर 2010 में आया। इस परिणाम में सामान्य श्रेणी के रोल नंबर 1520, 2727, 1588, 2233, 1875, 1914 तथा एससी श्रेणी में 2827, 1841, 2241, 2251 लिखित परीक्षा में फेल घोषित किए गए थे। बाकायदा आयोग ने अयोग्य आवेदकों की सूची में इन रोल नंबर डालकर इंटरनेट पर विभाग की वेबसाइट पर डाली थी। हाईकोर्ट के 15 सितंबर 2011 को आए फैसले के बाद आयोग ने दोबारा लिखित परीक्षा की रिवाइज्ड सूची जारी की। इस सूची में उपरोक्त सभी दस उम्मीदवारों के रोल नंबर नहीं थे, लेकिन एक जून 2012 को जारी की गई फाइनल सूची में उपरोक्त सभी सामान्य व एससी कैटेगरी के उम्मीदवारों का चयन किया गया था। रोहतक निवासी जसवंत सिंह व अन्य लोगों ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका डाली है, जिसे पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सीडब्ल्यूपी-13431 स्वीकार कर लिया है और सरकार को इस मामले में नोटिस जारी कर दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी |
अब डी एड के विद्यार्थियों की इन्टरनशिप अपने ही क्षेत्र में होगी
डीएड चतुर्थ सेमेस्टर में पढ़ रहे विद्यार्थियों को अब शिक्षण अभ्यास व इन्टरनशिप के लिए अपने क्षेत्र से दूर नहीं जाना पड़ेगा। दरअसल हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने TP व इन्टरनशिप को लेकर किये गए विद्यालय आबंटन को रद्द कर दिया है, जिस के लिए 6 से 10 जुलाई और फिर 16-17 जुलाई को ऑनलाइन काउंसलिंग हुई थी। विद्यार्थियों के विरोध के चलते बोर्ड ने एक बार के लिए शिक्षण अभ्यास की प्रक्रिया को रोकते हुए दोबारा काउंसलिंग करवाने का निर्णय लिया है। यह काउंसलिंग पहले की तरह हीwww.hbse.nic.in पर ऑनलाइन करवाई जाएगी। इस बार छात्र अध्यापक अपने क्षेत्र के ही किसी स्कूल में अभ्यास का लाभ उठा सकेंगे।
Posted at www.nareshjangra.blogspot.com
नयी नीति के अनुसार अब लड़कियों व महिलाओं को एक ही खंड के तीन स्कूलों का चयन करना है, वहीँ चौथे विकल्प के रूप में संबंधित खंड का चयन करना है, जिस खंड से विद्यालयों का चयन किया गया है। इसी प्रकार लड़कों को एक ही जिले के तीन स्कूलों का चयन करना है और
चौथे विकल्प के रूप में उसी जिले का चयन करना है जिस जिले के स्कूलों को उन्होंने चुना है। विद्यालयों का आबंटन पूर्व निर्धारित रैंक के हिसाब से किया जायेगा।नयी नीति के अनुसार अब लड़कियों व महिलाओं को एक ही खंड के तीन स्कूलों का चयन करना है, वहीँ चौथे विकल्प के रूप में संबंधित खंड का चयन करना है, जिस खंड से विद्यालयों का चयन किया गया है। इसी प्रकार लड़कों को एक ही जिले के तीन स्कूलों का चयन करना है और
लड़कियों व महिलाओं को खंड से बाहर तथा लड़कों को जिले से बाहर नहीं भेजा जायेगा। नए नियमों के अनुसार विद्यार्थियों को निम्नलिखित क्रम से वरीयता दी जाएगी:
1) 40% या अधिक अशक्तता वाले विकलांग जन
2) गर्भवती महिलाएं (गर्भवती महिलाओं को केवल तीन विद्यालयों के विकल्प ही भरने होंगे, जिनमें से उन्हें एक दिया जायेगा)
3) लड़कियां
4) लड़के
यह काउंसलिंग दिनांक 23 से 26 जुलाई तक जारी रहेगी, जिसका परिणाम 28 जुलाई को दोपहर तीन बजे बोर्ड की वेबसाइट पर देखा जा सकेगा। इसके बाद 20 शिक्षण अभ्यास हेतु 30 जुलाई को सम्बंधित विद्यालय में रिपोर्ट करनी होगी।
Wednesday, 18 July 2012
Friday, 13 July 2012
Thursday, 12 July 2012
Wednesday, 11 July 2012
Tuesday, 10 July 2012
लिस्ट तैयार करने का दबाव बनाया गया था: गवाह
नई दिल्ली. हरियाणा के बहुचर्चित जेबीटी टीचर भर्ती घोटाला मामले में बचाव पक्ष की तरफ से पेश हुए पहले गवाह ने ही विशेष सीबीआई अदालत को बताया कि मामले में आरोपी और जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी रहे राजेंद्र दहिया पर टीचरों की अवार्ड लिस्ट तैयार करने का दबाव बनाया गया था। दिल्ली के हरियाणा भवन में हुई मीटिंग में उन पर राज्य के प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने दबाव डाला था। यह बात दहिया ने ही उन्हें खुद बताई थी। डाईरेक्टर, प्राईमरी एजुकेशन ने उनसे यह भी कहा था कि ऐसा न करने पर उन्हें पेंशनेरी लाभ नहीं मिलेंगे तथा उनके परिवार को भी भुगतना पड़ेगा।रोहिणी जिला अदालत के सीबीआई स्पेशल जज विनोद कुमार के समक्ष बचाव पक्ष की पहली गवाह शशि मेहता ने बताया कि वर्ष २००० में वह सोनीपत के जिला शिक्षा कार्यालय में बतौर जिला संगठन आयुक्तश,स्काउट तैनात थीं। वर्ष २००० सितंबर के पहले सप्ताह में वे राजेंद्र दहिया और मामले के दो अन्य आरोपियों के साथ दिल्ली आईं थीं। इन लोगों ने उन्हें आईटीओ स्थित एनएचक्यूव स्काउट कार्यालय छोडा। दहिया और अन्य सहयोगी हरियाणा भवन चले गए थे। काम खत्म होने पर वे वापस साथ जाने के लिए हरियाणा भवन पहुंची।
इस वक्त दहिया अन्य अधिकारियों के साथ मीटिंग में थे। जब वे मीटिंग से बाहर आए, तो वे काफी परेशान थे और उनकी आंख में आंसू भी थे। उन्होने उस वक्त कुछ नहीं बताया। कुछ दिनों बाद वे परेशान अपनी कुर्सी पर बैठे अचानक गिर गए, जिससे वे चोटिल हो गए। उपचार के लिए उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। इसके कुछ दिनों बाद दहिया ने उन्हें बताया कि हरियाणा भवन में मीटिंग के दौरान प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने लिस्ट बनाने के लिए उन पर दबाव डाला था। लेकिन उन्होने ऐसा करने पर असहमति जताई थी। इस पर प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने उनसे कहा था कि ऐसा न करने पर उन्हें पेंशनेरी लाभ नही मिलेंगे और उनके परिवार को भी भुगतना पडेगा। इसी वजह से वे काफी परेशान देखे जा रहे थे। दहिया इस मामले में ५६ वें आरोपी बनाए गए हैं।http://www.bhaskar.com/article/DEL-dahiya-pressurized-in-the-meeting-at-haryana-bhawan-3500440.htmlMonday, 9 July 2012
विद्यार्थियों के सतत् मूल्यांकन में खानापूर्ति
रवि हसिजा, जींद
पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों के सतत् संपूर्ण मूल्यांकन (सीसीई) में खानापूर्ति की गई। सरकारी स्कूलों के अध्यापकों ने न इन फार्मो पर बच्चों की वार्षिक रिपोर्ट भरी और न ही अभिभावकों के हस्ताक्षर कराए। सिर्फ रिकॉर्ड बनाया गया, फार्मो को भरना उचित नहीं समझा गया। ताज्जुब की बात है कि विभाग ने समय पर स्कूलों में यह फार्म नहीं पहुंचाए।
प्रदेश के अधिकतर जिलों में पहली से आठवीं कक्षा तक के स्कूल मुखियाओं ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत भेजे गए सतत् संपूर्ण मूल्यांकन (सीसीई) फार्मो को अबकी बार भरा ही नहीं। बच्चों की मासिक मूल्यांकन रिपोर्ट ही तैयार नहीं की गई। अध्यापकों ने प्रति माह लिए जाने वाले टेस्टों की जानकारी केवल रजिस्टरों तक ही सीमित करके रख दी और उसे आगे फार्मो पर नहीं भरा। इस कारण अधिकतर स्कूलों में अब भी यह फार्म धूल फांक रहे हैं। अब इन सभी फार्मो को नए वित्त वर्ष 2012-13 के लिए प्रयोग किया जाएगा। शिक्षा निदेशालय ने स्पष्ट निर्देश भी दिए थे कि इन फार्मो को भरकर उन पर अभिभावकों के हस्ताक्षर भी कराए जाए, लेकिन फार्मो पर हस्ताक्षर कराने की बजाय अध्यापकों ने फार्मो को भरना भी मुनासिब भी नहीं समझा। जिन स्कूल मुखियाओं ने यह फार्म भरवाए हैं, उनके लिए भी समस्या बढ़ी हुई है, क्योंकि नए सत्र के लिए अब तक फार्म तैयार होकर नहीं आए। इस कारण बच्चों की मासिक रिपोर्ट फार्म के बजाय रजिस्टरों में भरी जा रही है।
फार्म न भरने के लिए विभाग भी जिम्मेदार
इन फार्मो को न भरने के लिए अध्यापक व मुखिया के साथ विभाग के अधिकारी भी जिम्मेदार हैं। अधिकारियों ने अबकी बार फार्मो को जिलों तक ही मार्च माह के अंतिम सप्ताह तक पहुंचाया था, जिसके चलते 31 मार्च तक भी कई स्कूलों में फार्म नहीं पहुंच सके थे। इस कारण यह फार्म नहीं भरे जा सके।
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