नपेंगे बीईओ और डीईओ
दयानंद शर्मा, चंडीगढ़
नियमों को दरकिनार कर अयोग्य अभ्यर्थियों को गेस्ट टीचर नियुक्त करने वाले अधिकारियों और नियुक्ति पाने वाले गेस्ट टीचर्स पर गाज गिरना तय हो गया है। शुक्रवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के जस्टिस जसबीर सिंह व जस्टिस राकेश जैन पर आधारित खंडपीठ ने राज्य के शिक्षा निदेशक का निर्देश दिया कि नियमों के खिलाफ नियुक्ति करने वाले अधिकारियों व नियुक्ति पाने वाले गेस्ट टीचर्स के खिलाफ कार्रवाई कर कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दी जाए। अन्यथा निदेशक को 13 अगस्त को कोर्ट में पेश होना पड़ेगा।
हाईकोर्ट ने मार्च में शिक्षा विभाग में कार्यरत 750 अतिथि अध्यापकों की नियुक्ति धांधली से करने वाले स्कूल मुखिया, खंड शिक्षा अधिकारी व जिला शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ याचिका पर नोटिस जारी कर सरकार से जवाब मांगा था। वकील एचसी अरोड़ा ने कोर्ट को बताया था कि हाईकोर्ट ने नियम विरुद्ध नियुक्त 750 अतिथि अध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश पिछले साल अगस्त में दिया था, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई न करते हुए इन्हें और सुविधाएं प्रदान कीं।
719 मामले नियम विरुद्ध : याचिका के अनुसार वर्ष 2005 में हुई गेस्ट टीचर्स की नियुक्तियों में जिला फरीदाबाद में कुल 83 गेस्ट लेक्चर्स में से 40 नियुक्तियां नियम विरुद्ध की गईं। इसी प्रकार मास्टर वर्ग में कुल 120 नियुक्तियों में से मात्र 27 नियमानुसार पाई गईं। इसी प्रकार सीएंडवी वर्ग में कुल 58 गेस्ट टीचर की नियुक्तियों में से 46 की नियम विरुद्ध पाई गईं। इस संबंध में शिकायतें मिलने के बाद सात उप निदेशकों को विभिन्न जिलों में हुई गड़बड़ी की जांच सौंपी गई थी। जांच में मेवात के फिरोजपुर ङिारका खंड में तो एक सहायक पद पर कार्यरत अधिकारी ने बिना किसी नियुक्ति पत्र के ही 150 जेबीटी गेस्ट टीचर्स की नियुक्ति कर डाली।
मेवात में कुल 973 जेबीटी गेस्ट टीचर्स में से 183 की नियुक्ति नियम विरूद्ध पाई गई। फतेहाबाद में 46, करनाल में 42, कैथल में 26, यमुनानगर में 25, हिसार व अंबाला में 23-23, सिरसा में 21, पंचकूला, पानीपत व भिवानी में 19-19, जींद में 17, पलवल में 15, सोनीपत-कुरुक्षेत्र में 10-10, रोहतक में 8, महेंद्रगढ़-रेवाड़ी में 7-7, झज्जर में 1 सहित कुल 700 से भी ज्यादा नियुक्तियां नियम विरुद्ध पाई गईं।
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