गुरुजी होंगे ऑनटाइम
अरविन्द झा, पानीपत
छात्रों को अनुशासन की सीख देने वाले गुरुजनों को भी अब अनुशासन में रहना होगा। स्कूली शिक्षा निदेशालय ने फरमान जारी कर सरकारी स्कूलों के गुरुजी को अनुशासन में रहने की हिदायत दी है। अवहेलना करने वालों पर निदेशालय सख्ती बरतेगा।
सरकारी विद्यालयों में अनुशासन बनाए रखने को लेकर स्कूली शिक्षा निदेशालय के प्रधान सचिव कार्यालय से निदेशक माध्यमिक शिक्षा व मौलिक शिक्षा को पत्र (10/1-2012 सीओ(1)) जारी किया गया है। पत्र के मुताबिक स्कूल में टीचिंग स्टाफ समय से अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करेंगे। निदेशालय की हिदायतों के मुताबिक शिक्षकों को अब हर हाल में सुबह 8 बजे की बजाए 7.45 बजे विद्यालय पहुंचना होगा। बायोमीटिक मशीन पर उन्हें 7.45 बजे हाजिरी दर्ज करानी होगी। स्कूल पहुंचने में चंद मिनट की हुई देरी शिक्षकों को महंगी पड़ेगी। विद्यालय में विलंब से पहुंचने के लिए एक तिहाई के बजाए अब आधे दिन का अवकाश उनकी उपस्थिति पंजिका में दर्ज किया जाएगा। बॉयोमीटिक मशीन पर नॉन टीचिंग स्टॉफ की हाजिरी भी अनिवार्य कर दी गई है। अनुशासन के नए फरमान के तहत अब कोई शिक्षक स्कूल टाइम में बीईओ, डीईईओ व डीईओ कार्यालय तक कदम नहीं रख सकेगा। पढ़ाई व्यवस्था में सुधार के लिए स्कूली शिक्षा निदेशालय ने यह कदम उठाया है। पत्र के मुताबिक जिले में पदस्थ महकमे के अधिकारी स्कूल टाइम के दौरान विद्यालय प्रमुखों की बैठक नहीं बुला सकेंगे। टीचिंग स्टाफ के अवकाश पर भी अंकुश लगा दिया गया है। शिक्षा कैलेंडर में बीते तीन माह के दौरान उन्हें अब अधिकतम 25 फीसद अवकाश ही मिल सकेगा। खास बात है कि एसएए, मौलिक शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा के अधिकारी अब जिले में तालमेल बनाकर विभागीय आयोजनों को अंजाम देंगे।
अरविन्द झा, पानीपत
छात्रों को अनुशासन की सीख देने वाले गुरुजनों को भी अब अनुशासन में रहना होगा। स्कूली शिक्षा निदेशालय ने फरमान जारी कर सरकारी स्कूलों के गुरुजी को अनुशासन में रहने की हिदायत दी है। अवहेलना करने वालों पर निदेशालय सख्ती बरतेगा।
सरकारी विद्यालयों में अनुशासन बनाए रखने को लेकर स्कूली शिक्षा निदेशालय के प्रधान सचिव कार्यालय से निदेशक माध्यमिक शिक्षा व मौलिक शिक्षा को पत्र (10/1-2012 सीओ(1)) जारी किया गया है। पत्र के मुताबिक स्कूल में टीचिंग स्टाफ समय से अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करेंगे। निदेशालय की हिदायतों के मुताबिक शिक्षकों को अब हर हाल में सुबह 8 बजे की बजाए 7.45 बजे विद्यालय पहुंचना होगा। बायोमीटिक मशीन पर उन्हें 7.45 बजे हाजिरी दर्ज करानी होगी। स्कूल पहुंचने में चंद मिनट की हुई देरी शिक्षकों को महंगी पड़ेगी। विद्यालय में विलंब से पहुंचने के लिए एक तिहाई के बजाए अब आधे दिन का अवकाश उनकी उपस्थिति पंजिका में दर्ज किया जाएगा। बॉयोमीटिक मशीन पर नॉन टीचिंग स्टॉफ की हाजिरी भी अनिवार्य कर दी गई है। अनुशासन के नए फरमान के तहत अब कोई शिक्षक स्कूल टाइम में बीईओ, डीईईओ व डीईओ कार्यालय तक कदम नहीं रख सकेगा। पढ़ाई व्यवस्था में सुधार के लिए स्कूली शिक्षा निदेशालय ने यह कदम उठाया है। पत्र के मुताबिक जिले में पदस्थ महकमे के अधिकारी स्कूल टाइम के दौरान विद्यालय प्रमुखों की बैठक नहीं बुला सकेंगे। टीचिंग स्टाफ के अवकाश पर भी अंकुश लगा दिया गया है। शिक्षा कैलेंडर में बीते तीन माह के दौरान उन्हें अब अधिकतम 25 फीसद अवकाश ही मिल सकेगा। खास बात है कि एसएए, मौलिक शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा के अधिकारी अब जिले में तालमेल बनाकर विभागीय आयोजनों को अंजाम देंगे।
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