Friday, 30 November 2012

4 Years Experience walo ko STET/HTET se Exemption matter pr+B.Ed base pr JBT HTET pass ki JBT Post pr Eligibility matter pr+PGT Shortlist matter sahit sbhi mamlo pr 4 Dec. (Tuesday) ko pura din HC me bahas hogi.

4 Years Experience walo ko STET/HTET se Exemption matter pr+B.Ed base pr JBT HTET pass ki JBT Post pr Eligibility matter pr+PGT Shortlist matter sahit sbhi mamlo pr 4 Dec. (Tuesday) ko pura din HC me bahas hogi.




Sunday, 25 November 2012

Status of CIVIL WRIT PETITION 10401 of 2012 INDERJEET KAUR Vs. STATE OF HARYANA AND OTHERS


PUNJAB & HARYANA HIGH COURT
CASE STATUS INFORMATION SYSTEM
Case Status :  DISPOSED
Status of          CIVIL WRIT PETITION   10401        of    2012    
INDERJEET KAUR                 Vs.                  STATE OF HARYANA AND OTHERS
Pet's Adv.     :   JITENDER DHANDA                   
Date of Disposal :     Wednesday, September 12, 2012
Last Listed On :     Wednesday, September 12, 2012
List Type :  Ordinary     

FIR No. :   NO FIR DETAILS AVAILABLE / NOT A CRIMINAL CASE
   

Category :  GOVT SERVICE (HY)-sb     

Bench for Next Hearing Dt :  MR. JUSTICE AUGUSTINE GEORGE MASIH,---,---     Bench Sl. No : 243     

Bench for Last Hearing Dt :  MR. JUSTICE AUGUSTINE GEORGE MASIH,---,---     Bench Sl. No : 235     
CONNECTED APPLICATION (S)
  CM   10938-CWP    of  2012
CONNECTED MATTER (S)

No Connected Cases.
    
Case Updated on:   Wednesday, September 12, 2012 


IN THE HIGH COURT OF PUNJAB AND HARYANA
AT CHANDIGARH
        
CM No. 10938 of 2012 in/and
CWP No. 10401 of 2012
       Date of Decision : 12.9.2012  
Inderjeet Kaur ....... Petitioner(s)
Versus
State of Haryana and others ..... Respondent(s)
CORAM: HON'BLE MR. JUSTICE AUGUSTINE GEORGE MASIH
Present:- Mr. Jitender Dhanda, Advocate, for the applicant-petitioner.
Ms. Shruti Jain, AAG Haryana.
AUGUSTINE GEORGE MASIH, J. (ORAL)
CM No. 10938 of 2012
Prayer in this application is for placing on record Annexures-P4
to P-6.
Prayer granted.
Annexures-P4 to P-6 are taken on record.
Application stands disposed of.
CWP No. 10401 of 2012
Petitioner has approached this Court impugning the order dated
22.5.2012 (Annexure-P-2), passed by the Commissioner and Secretary to
Government of Haryana, Department of Education-respondent No. 1
transferring the petitioner from Government Senior Secondary School,CWP No. 10401 of 2012 -2-
Kharak Punia, District Hisar to Government Senior Secondary School, Dhand,
District Fatehabad, on administrative ground.
Upon notice issued by this by this Court, reply has been filed on
behalf of respondents, wherein it has been stated that the petitioner was
transferred on the basis of a Resolution dated 1.4.2012 (Annexure-R-1),
passed by the Gram Panchayat Kharakpunia, Block Barwala (Hisar). Perusal
of the said Resolution would show that the Gram Panchayat had made a
grouse that the petitioner who is the Principal of the School misbehaves with
the other staff members and uses abusive language. She neither makes sports
registration nor takes interest or action in any of the activities. Even the grant
sanctioned by the Government for constructing the boundary wall had lapsed
because of inaction on the part of the petitioner. On this basis, transfer of the
petitioner was sought.  
On a question being put by the Court to the counsel for
respondents as to whether any of these allegations was enquired into by the
respondents before passing the order of transfer, counsel for respondents, on
instructions from Shri Rikhi Pal, Clerk, states that none of these allegations
was enquired into or verified.
Counsel for the petitioner has referred to Annexure-P-6, the test
sheet for School Round of Sports and Physical Aptitude Test where students
of the School had participated and two of the students of the School were
selected which indicates that the petitioner has been taking interest in the
sports activities. A specific question has been put by the Court as to whether
any complaint has been received from any staff member of the School against
the petitioner, to which counsel for respondents on instructions from Shri
Rikhi Pal, Clerk, states that there is none. It has not been enquired into as toCWP No. 10401 of 2012 -3-
whether any grant was ever sanctioned by the Government for construction of
the boundary wall of the School.
In the light of the above facts, order of transfer of the petitioner
cannot sustain, as the respondents merely on a Resolution passed by the Gram
Panchayat, proceeded to pass the order of transfer of the petitioner without
even verifying any of the allegations which have been made against the
petitioner in the complaint. Sorry state of affairs on the working of the
department has come to light where action has been taken by the respondents
merely on a Resolution passed by the Gram Panchayat. It appears that Gram
Panchayats have now started running the administration of the education
department which is highly depreciated. Without saying anything further, the
competent authority while passing the transfer orders, must apply its
independent mind and on verification of the allegations, if found correct,
should proceed to take action.  
The impugned order of transfer dated 22.5.2012 (Annexure-P-2)
is hereby quashed and the writ petition is allowed.
(AUGUSTINE GEORGE MASIH)
JUDGE
12.9.2012
sjks




फरवरी 2013 में होगा एचटेट, हजारों जेबीटी टीचरों की भर्ती पर खतरा


  • प्रक्रिया के छेद
    आखिर वही हुआ जिसकी आशंका जताई जा रही थी। 8706 जेबीटी अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया में धांधली की जांच के शुरुआती चरण के परिणाम चौंकाने, शासन-प्रशासन की आंखें खोलने वाले तो हैं ही, व्यवस्था पर भी प्रश्नचिह्न चस्पां रहे हैं। आरंभ के 54 में से सिर्फ आठ उम्मीदवार सही पाए गए। 21 स्टैट उत्तीर्ण उम्मीदवार फर्जी निकले और 25 का रिकॉर्ड ही पूरा नहीं मिला। हाईकोर्ट के आदेश पर शुरू हुई जांच में उम्मीदवारों के अंगूठे का मिलान नहीं हुआ। इसका अर्थ हुआ कि उनकी जगह किसी और ने स्टैट की परीक्षा दी थी। जांच पूरी होने के बाद यदि फर्जीवाड़े का आंकड़ा इसी तरह विशालकाय मिला तब शिक्षा विभाग की मुद्रा कैसी होगी? चयन प्रक्रिया की वैधता, निष्पक्षता, पारदर्शिता और औचित्य को सही ठहराने के लिए कौन से तर्क प्रस्तुत किए जाएंगे? न्याय के मानकों पर प्रक्रिया खरी न उतरने पर अदालत का फैसला यदि कठोर हुआ तो इसके लिए जिम्मेदार किसे माना जाएगा? सबसे अहम सवाल तो यह है कि जेबीटी भर्ती मामले में प्रक्रिया का आधार त्रुटिहीन क्यों नहीं बनाया गया? बार-बार आक्षेप लगते रहे लेकिन
     हर बार अधकचरे जवाब, दलील या तकरें के आधार पर विभाग अपने निर्णयों को सही ठहराता रहा। गेस्ट टीचर , एसएस टीचर के अलावा कई अन्य पदों पर भी सरकारी नीति में छेद नजर आने पर हो हल्ला मच चुका और मामले अदालतों में लंबित हैं। दलील दी जा रही है कि जेबीटी भर्ती के समय यह स्पष्ट नहीं किया गया था कि दाएं अंगूठे का निशान लिया जाएगा या बाएं का।
    अब हो सकता है कि सभी उम्मीदवारों के एक ही हाथ के निशान से मिलान किया जा रहा हो, इस कारण गफलत मच रही है लेकिन यह तय है कि पूरी चयन प्रक्रिया आनन-फानन में पूरी हुई, इस कारण अनेक तकनीकी और तथ्यात्मक खामियां रह जाने की पर्याप्त गुंजाइश छोड़ दी गई जिनका खमियाजा हजारों परिवारों को उठाना पड़ सकता है। जेबीटी के साढ़े नौ हजार और पदों के लिए सरकार ने आवेदन मांग रखे हैं, लिहाजा नए उम्मीदवारों में भी प्रक्रिया के प्रति अविश्वास की भावना पैदा हो सकती है। सरकार को सुनिश्चित करना होगा कि व्यवस्था अथवा प्रक्रिया की खामियों का ठीकरा उम्मीदवारों पर न फूटे। प्रक्रिया की कमी-कमजोरियों का निराकरण करके व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए। जानबूझ कर या अनजाने में की गई गलतियां प्रक्रिया को पंगु बना रही हैं, साथ ही सरकार की साख को भी बट्टा लग रहा है।
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  • फरवरी 2013 में होगा एचटेट
    बलवान शर्मा, भिवानी
    एक ओर जहां शिक्षा विभाग व शिक्षा बोर्ड प्रशासन इन दिनों स्टैट की ओएमआर सीट पर लगे अंगूठे के निशानों का मिलान उम्मीदवारों के निशान से करने में जुटा है, वहीं दूसरी ओर हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने एक बार फिर से एचटेट (हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा) की तैयारियां शुरू कर दी हैं। शिक्षा बोर्ड ने एचटेट के लिए संभावित तिथि 2 व 3 फरवरी निर्धारित की है।
    माना जा रहा है कि शिक्षा विभाग में की जा रही भर्तियों में शामिल होने का मौका इस परीक्षा में शामिल होने वालों को भी मिल सकेगा। ऐसे में प्रदेश के हजारों उम्मीदवारों के लिए यह एक अच्छी खबर है। सूत्र बताते हैं कि प्रदेश सरकार ने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को एचटेट करवाने की हिदायत दे दी है। इसके तहत शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने संभावित तिथि 2 व 3 फरवरी 2013 निर्धारित की है। क्योंकि इस बीच बोर्ड प्रशासन परीक्षाओं की तैयारियों को अंतिम रूप दे सकेगा। इधर बोर्ड प्रशासन ने अधिकारियों की बैठक बुला ली है।
    आन लाइन कर सकेंगे आवेदन
    इस बार शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने उम्मीदवारों के आवेदन आन लाइन करवाने का फैसला किया है। बोर्ड ने पहले से ही इस संबंध में कंप्यूटराइजेशन को बढ़ावा देने के लिए अभियान चलाया हुआ है। इसी के तहत इस बार एचटेट के आवेदन भी आन लाइन मांगे जाएंगे।

    हजारों जेबीटी टीचरों की भर्ती पर खतरा
    बलवान शर्मा, भिवानी
    प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2010 में हुई 8706 जेबीटी अध्यापकों की भर्ती पर संकट के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं। हाईकोर्ट के आदेश पर कराई गई जांच में 54 स्टैट पास धारकों में से 21 उम्मीदवारों के अंगूठे के निशान का मिलान नहीं हुआ है। इस चौंकाने वाले रिजल्ट ने स्टेट मामले की जांच में तेजी ला दी है। हाई कोर्ट ने प्रदेश के सभी स्टेट पास पात्रों के अंगूठे के निशान की जांच के आदेश दे दिए हैं।
    शुक्रवार को शिक्षा बोर्ड मुख्यालय में फोरेंसिक लैब मधुबन की टीम को लेकर शिक्षा निदेशालय के अधिकारी पहुंच गए हैं। प्रथम चरण में भिवानी के उम्मीदवारों के अंगूठे के निशान की जांच होगी। इसके बाद अन्य जिलों के उम्मीदवारों को संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी लेकर भिवानी पहुंचेंगे।
    प्रवीण कुमारी बनाम हरियाणा सरकार के केस में हाई कोर्ट के आदेश पर शिक्षा विभाग ने 54 उम्मीदवारों के अंगूठे के निशानों का मिलान कराया था। आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि फोरेसिंक जांच टीम ने अगस्त 2012 में इसकी रिपोर्ट सौंप दी। इसमें पाया है कि 54 में 
    से 21 उम्मीदवारों के अंगूठे के निशान नहीं मिले हैं। इस रिपोर्ट से जाहिर है कि स्टेट परीक्षा में फर्जी परीक्षार्थी बैठे थे। केवल 8 उम्मीदवारों के अंगूठे के निशान ही सही पाए गए। शेष 25 उम्मीदवारों का पूरा रिकार्ड न होने के कारण रिजल्ट पेंडिंग है। इस रिपोर्ट के आधार पर हाई कोर्ट ने मौलिक शिक्षा निदेशालय को सभी स्टैट पास की जांच के आदेश दे दिए हैं।
    तीन माह तक जांच का अनुमान
    हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने 2008 में एक बार और 2009 में दो बार स्टैट की परीक्षा संचालित कराई थी। अब हाईकोर्ट के आदेश पर तीनों ही परीक्षाओं में पास उम्मीदवारों के अंगूठों के निशान मिलाए जाएंगे।
    प्रथम चरण में भिवानी जिले के उम्मीदवारों के अंगूठे के निशान की जांच शुरू की गई है। यह जांच लगभग तीन माह तक चलने का अनुमान है। अधिवक्ता जसवीर मोर ने कहा कि शिक्षा बोर्ड के प्रोस्पेक्टस के अनुसार अंगूठे के निशान लिए जाने थे, लेकिन बोर्ड ने अंगूठे के निशान लिए ही नहीं। दिसंबर 2010 में कविता कुमारी के नाम से याचिका डाली थी। कोर्ट ने मौलिक शिक्षा निदेशक को जांच के आदेश दिए थे और चार माह में रिपोर्ट देने को कहा। रिपोर्ट नहीं दी गई। इसके बाद सीडब्ल्यूपी 3 आफ 2011 प्रवीण कुमारी एंड अदर्स वर्सिज स्टेट आफ हरियाणा याचिका डाली गई। इस याचिका में बताया गया कि बिना जांच के ही हरियाणा सरकार ने 8706 जेबीटी अध्यापकों को नियुक्तियां दे दी हैं। हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को एक लाख रुपये की सुरक्षा राशि के आधार पर जांच के आदेश दिए।




Tuesday, 20 November 2012


GOVERNMENT OF HARYANA
EDUCATION DEPARTMENT
Order No. 6/22-2012 HRG-II(1) Dated, Panchkula, the 23.10.2012
Whereas, Smt. Inderjeet Kaur has filed the CWP No. 10401 of 2012
praying therein to quash the impugned order dated 22.05.2012 (Annexure P-2).
This case came up for hearing on 12.9.2012 before Hon'ble High Court & it was
disposed of by Hon'ble Court with the following directions:-
"In the light of the above facts, order of transfer of the petitioner
cannot sustain, as the respondents merely on a Resolution passed by the
Gram Panchayat, proceeded to pass the order of transfer of the
petitioner without even verifying any of the allegations which have been
made against the petitioner in the complaint. Sorry state of affairs on
the working of the department has come to light where action has been
taken by the respondents merely on a Resolution passed by the Gram
Panchayat. It appears that Gram Panchayats have now started running
the administration of the education competent authority while passing
the transfer orders, must apply its independent mind and on verification
of the allegations, if found correct, should proceed to take action. The
impugned order of transfer dated 22.5.2012 (Annexure P-2) is hereby
quashed and the writ petition is allowed."
In compliance of above orders of Hon'ble High Court, the transfer orders
issued vide No. 22/67-2010 HRG-I (1) dated 22.5.2012 in respect of petitioner
are hereby cancelled.
SURINA RAJAN
Principal Secretary to Govt. Haryana
Secondary Education Department Chandigarh.
OFFICE OF DIRECTOR SCHOOL EDUCATION HARYANA, PANCHKULA.

Monday, 19 November 2012

जेबीटी भर्ती में बीएड पास भी कर सकेंगे आवेदन!


जेबीटी भर्ती में बीएड पास भी कर सकेंगे आवेदन!
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दयानंद शर्मा, चंडीगढ़
बीएड पास उम्मीदवारों के लिए अच्छी खबर है। अगर हाईकोर्ट द्वारा जारी आदेश को सरकार लागू करती है तो हजारों बीएड पास अभ्यर्थी वर्तमान में निकाले गए जेबीटी के 8763 पदों के लिए आवेदन कर सकेंगे। वैसे इसका सीधा-सीधा नुकसान जेबीटी पास उम्मीदवारों को होगा।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार व हरियाणा विद्यालय शिक्षक चयन बोर्ड को आदेश दिया है कि वह बीएड पास याचिकाकर्ता उम्मीदवार को जेबीटी के लिए प्रोविजनल तौर पर योग्य माने व उसे भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने दे। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एके सिकरी पर आधारित खंडपीठ ने कैथल निवासी सुमन बाला व अन्य द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह व्यवस्था दी। साथ ही हाई कोर्ट ने इस मामले में हरियाणा सरकार को 30 नवंबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील राजेश बंसल ने हाई कोर्ट से मांग की कि वह हरियाणा विद्यालय शिक्षक चयन बोर्ड द्वारा 8 नवंबर को निकाले गए उस विज्ञापन को रद करे जिसमें बोर्ड ने 8763 जेबीटी टीचरों की भर्ती के लिए आवेदन मांगे हैं। बंसल ने कोर्ट को बताया कि इस भर्ती में बीएड पास उम्मीदवार को जेबीटी टीचर के लिए आवेदन करने के योग्य नहीं माना गया है। याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि हरियाणा सरकार ने 23 अगस्त 2010 को एक अधिसूचना जारी कर बीएड पास उम्मीदवार को जेबीटी टीचर के लिए योग्य माना था। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि वह बीएड एवं जेबीटी के लिए अध्यापक पात्रता परीक्षा पास कर चुका है।
याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि सरकार का यह कदम गैर कानूनी है और इस भर्ती पर रोक लगाई जानी चाहिए। याचिकाकर्ता के वकील की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ता को प्रोविजनल तौर पर जेबीटी भर्ती में भाग लेने दे।



Tuesday, 13 November 2012

Delegation of power about masters and c&v.,,Case about B Ed pass who clears B Ed is not equal to JBT .,,Contaractual employees can dismiss on a notice only high court decesion

Delegation of power about masters and c&v

Case about B Ed pass who clears B Ed is not equal to JBT 


Contaractual employees can dismiss on a notice only high court decesion





Thursday, 8 November 2012

jbt vacant post distt wise शिशु देखभाल अवकाश को नहीं काटने पड़ेंगे चक्कर


शिशु देखभाल अवकाश को नहीं काटने पड़ेंगे चक्कर
सुविधाजनक
वित्त विभाग की बजाय सरकार ने नियुक्त प्राधिकारियों को दी शक्तियां
देश के लिए 120 और विदेश के लिए 240 दिन की मिलती है छुट्टियां
जागरण ब्यूरो, चंडीगढ़ : प्रदेश सरकार ने महिला कर्मचारियों को दिए जाने वाले शिशु देखभाल अवकाश (सीसीएल) की स्वीकृति की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। अभी तक यह अवकाश स्वीकृति के लिए वित्त विभाग को भेजे जाते थे। इसके चलते महिला कर्मचारियों को लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था, लेकिन राज्य सरकार ने अब अवकाश स्वीकृति की शक्तियां नियुक्त प्राधिकारियों को प्रदान कर दी हैं। राज्य सरकार ने ग्रुप सी और डी महिला कर्मचारियों के संबंध में नियुक्त प्राधिकारियों को 730 दिन (दो साल) तक के लिए शिशु देखभाल अवकाश स्वीकृत करने का अधिकार प्रदान किया है।
प्रदेश के वित्त मंत्री एचएस चव2122ा ने आज यहां बताया कि ग्रुप ए और बी कर्मचारियों के संबंध में विभागाध्यक्ष 120 दिनों तक का अवकाश स्वीकृत कर सकेंगे। ग्रुप ए और बी कर्मचारियों के लिए 120 दिन से अधिक के अवकाश के संबंध में प्रशासनिक सचिव अवकाश स्वीकृत करने में सक्षम होंगे। उन्होंने बताया कि वित्त विभाग द्वारा निर्देश जारी किए गए हैं कि प्रशासनिक सचिव, विभागाध्यक्ष और नियुक्ति प्राधिकारी उन्हें दी गई शक्तियों को अपने जिम्मेदारी पर मुख्यालय कार्यालयों पर उनके अधीनस्थ किसी भी अधिकारी को यह शक्तियां पुन: दे सकेंगे बशर्ते वे उन्हें प्रदान करना चाहते हों।
वित्त मंत्री के अनुसार इससे पूर्व निर्णय लिया गया था कि देश के भीतर व्यतीत करने के लिए 120 दिन से अधिक की अवधि के और भारत से बाहर व्यतीत करने के लिए 240 दिन के शिशु देखभाल अवकाश की स्वीकृति के लिए मामले वित्त विभाग को भेजे जाएंगे। उन्होंने बताया कि बहरहाल, शिशु देखभाल अवकाश (सीसीएल) स्वीकृति करते हुए स्वीकृत प्राधिकारी इस बात को ध्यान में रखेंगे कि कार्यालयों या संस्थानों का कार्य बाधित न हो।




Wednesday, 7 November 2012

CIVIL WRIT PETITION 22082 of 2012 ANIL KUMAR & ORS Vs. STATE OF HARYANA & ORS


PUNJAB & HARYANA HIGH COURT
CASE STATUS INFORMATION SYSTEM
Case Status :  DISPOSED
Status of          CIVIL WRIT PETITION   22082        of    2012    
ANIL KUMAR & ORS                 Vs.                  STATE OF HARYANA & ORS
Pet's Adv.     :   JAGBIR MALIK                   
Date of Disposal :     Tuesday, November 06, 2012
Last Listed On :     Tuesday, November 06, 2012
List Type :   NO LIST TYPE MENTIONED
   

FIR No. :   NO FIR DETAILS AVAILABLE / NOT A CRIMINAL CASE
   

Category :  GOVT SERVICE (HY)-sb     

Bench for Next Hearing Dt :   NO BENCH MENTIONED
   

Bench for Last Hearing Dt :   NO BENCH MENTIONED
   
CONNECTED APPLICATION (S)
No Connected Application.
    
CONNECTED MATTER (S)

No Connected Cases.
    
Case Updated on:   Tuesday, November 06, 2012 

New vacancy of jbt trs








New selection of SS masters notice



PUNJAB & HARYANA HIGH COURT
CASE STATUS INFORMATION SYSTEM
Case Status :  DISPOSED
Status of          CIVIL WRIT PETITION   18438        of    2010    
SUBHASH CHANDER & ORS.                 Vs.                  STATE OF HARYANA & ORS.
Pet's Adv.     :   UMESH NARANG                   
Date of Disposal :     Saturday, November 03, 2012
Last Listed On :     Saturday, November 03, 2012
List Type :  P     

FIR No. :   NO FIR DETAILS AVAILABLE / NOT A CRIMINAL CASE
   

Category :  GOVT SERVICE (HY)-sb     

Bench for Next Hearing Dt :  MR. JUSTICE AUGUSTINE GEORGE MASIH,---,---     Bench Sl. No : 2     

Bench for Last Hearing Dt :  MR. JUSTICE AUGUSTINE GEORGE MASIH,---,---     Bench Sl. No : 204     
CONNECTED APPLICATION (S)
No Connected Application.
    
CONNECTED MATTER (S)

   CWP     10072   of   2011
   CWP     10363   of   2012
   CWP     11471   of   2011
   CWP     11689   of   2011
   CWP     11770   of   2011
   CWP     12431   of   2011
   CWP     13066   of   2011
   CWP     13408   of   2010
   CWP     14669   of   2011
   CWP     15882   of   2011
   CWP     16062   of   2012
   CWP     17033   of   2011
   CWP     20307   of   2010
   CWP     3101   of   2012
   CWP     3856   of   2011
   CWP     3898   of   2012
   CWP     4343   of   2011
   CWP     4347   of   2011
   CWP     606   of   2012
   CWP     616   of   2012
   CWP     6750   of   2011
   CWP     6992   of   2012
   CWP     7034   of   2011
   CWP     7663   of   2011
   CWP     7978   of   2012
   CWP     8180   of   2011
   CWP     824   of   2011
Case Updated on:   Saturday, November 03, 2012