शिशु देखभाल अवकाश को नहीं काटने पड़ेंगे चक्कर
सुविधाजनक
वित्त विभाग की बजाय सरकार ने नियुक्त प्राधिकारियों को दी शक्तियां
देश के लिए 120 और विदेश के लिए 240 दिन की मिलती है छुट्टियां
जागरण ब्यूरो, चंडीगढ़ : प्रदेश सरकार ने महिला कर्मचारियों को दिए जाने वाले शिशु देखभाल अवकाश (सीसीएल) की स्वीकृति की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। अभी तक यह अवकाश स्वीकृति के लिए वित्त विभाग को भेजे जाते थे। इसके चलते महिला कर्मचारियों को लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था, लेकिन राज्य सरकार ने अब अवकाश स्वीकृति की शक्तियां नियुक्त प्राधिकारियों को प्रदान कर दी हैं। राज्य सरकार ने ग्रुप सी और डी महिला कर्मचारियों के संबंध में नियुक्त प्राधिकारियों को 730 दिन (दो साल) तक के लिए शिशु देखभाल अवकाश स्वीकृत करने का अधिकार प्रदान किया है।
प्रदेश के वित्त मंत्री एचएस चव2122ा ने आज यहां बताया कि ग्रुप ए और बी कर्मचारियों के संबंध में विभागाध्यक्ष 120 दिनों तक का अवकाश स्वीकृत कर सकेंगे। ग्रुप ए और बी कर्मचारियों के लिए 120 दिन से अधिक के अवकाश के संबंध में प्रशासनिक सचिव अवकाश स्वीकृत करने में सक्षम होंगे। उन्होंने बताया कि वित्त विभाग द्वारा निर्देश जारी किए गए हैं कि प्रशासनिक सचिव, विभागाध्यक्ष और नियुक्ति प्राधिकारी उन्हें दी गई शक्तियों को अपने जिम्मेदारी पर मुख्यालय कार्यालयों पर उनके अधीनस्थ किसी भी अधिकारी को यह शक्तियां पुन: दे सकेंगे बशर्ते वे उन्हें प्रदान करना चाहते हों।
वित्त मंत्री के अनुसार इससे पूर्व निर्णय लिया गया था कि देश के भीतर व्यतीत करने के लिए 120 दिन से अधिक की अवधि के और भारत से बाहर व्यतीत करने के लिए 240 दिन के शिशु देखभाल अवकाश की स्वीकृति के लिए मामले वित्त विभाग को भेजे जाएंगे। उन्होंने बताया कि बहरहाल, शिशु देखभाल अवकाश (सीसीएल) स्वीकृति करते हुए स्वीकृत प्राधिकारी इस बात को ध्यान में रखेंगे कि कार्यालयों या संस्थानों का कार्य बाधित न हो।
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