Thursday 3 May 2012

Handicapped reservation ki policy change + tds me reurn galat hone pr 1 lakh fine


विकलांग कोटे के तहत आरक्षण की नीति बदली
चंडीगढ़, जागरण संवाददाता : प्रदेश सरकार ने भर्ती में विकलांगों को आरक्षण देने की अपनी नीति बदल दी है। अब वर्टिकल के बजाय हॉरिजेंटल नीति अपनाई जाएगी। सरकार की ओर से यह जानकारी दिए जाने के बाद पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने क्लर्क व अन्य भर्ती में विकलांगों के परिणाम पर लगी रोक हटाने का आदेश जारी किया है। सरकार की नई नीति 1 मई से लागू होगी। मालूम हो कि विकलांग कोटे के तहत आरक्षण देने की राज्य सरकार की नीति केंद्र व सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के खिलाफ थी। दिनेश कुमार भाटिया की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पिछले साल इस संबंध में हरियाणा सरकार की नीति पर रोक लगा दी थी और चल रही भर्ती प्रक्रिया में विकलांग कोटे की सीटों के परिणाम पर भी रोक लगा दी थी। अब वर्टिकल नीति के आधार पर पूर्व में हुई भर्ती को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को आधार पर चुनौती दी जा सकती है। याचिका में आरोप लगाया गया था कि हरियाणा सरकार नौकरियों में विकलांग लोगो को आरक्षण देने के लिए जिस पैमाने का प्रयोग कर कर ही है वह कानूनन गलत है। याचिका के अनुसार नियमों के अनुसार किसी भी तरह का आरक्षण तीन श्रेणी में होता है पहला जनरल, दूसरा ओबीसी व तीसरा एससी व एसटी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की नौ जजों की बेंच इंद्रा साहनी मामले में यह स्पष्ट भी कर चुकी है और इस बारे में निर्णय भी दे चुकी है। लेकिन हरियाणा सरकार ने नियम के विपरीत जनरल, ओबीसी व एससी व एसटी वर्ग के अलावा एक अलग श्रेणी विकलांग को भी शामिल कर उसमें सीट आरक्षित करने का नियम शुरू कर दिया। जबकि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय व कानून के अनुसार अगर किसी विकलांग को आरक्षण का लाभ देना है तो उसे उस कोटे में आरक्षण दिया जाएगा जिस वर्ग से वह संबंधित है उदाहरण के तौर पर अगर जनरल श्रेणी के विकलांग उम्मीदवारों को आरक्षण का लाभ दिया जाना है तो उनके लिए जनरल की कुल सीटों से ही विकलांग लोगो के लिए तय सीटें आरक्षित की जाएगी।


टीडीएस रिटर्न में गलती पर लगेगा एक लाख का जुर्माना
कोलकाता, एजेंसी : केंद्र सरकार ने अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए स्रोत पर कर कटौती यानी टीडीएस पर निशाना साधा है। टीडीएस का गलत विवरण देने और फाइलिंग में गलती पर दस हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। यह प्रावधान एक जुलाई से अमल में आ जाएगा। टीडीएस रिटर्न हर तिमाही जमा किया जाता है। इसमें आमतौर पर स्थाई खाता संख्या (पैन), काटी गई राशि और उसका ब्योरा गलत होता है। आयकर संयुक्त आयुक्त (टीडीएस) एके डे ने बताया कि वित्त विधेयक में प्रस्तावित संशोधन के पारित होने के बाद जुर्माना लगाया जा सकेगा। फिलहाल रिटर्न दाखिल करने में कोई गलती होने अथवा गलती सुधारने के लिए नए रिटर्न में भी दोष रह जाने पर जुर्माना लगाने का कोई प्रावधान नहीं है। वैसे, देरी से रिटर्न भरने के लिए दंड का प्रावधान किया जा चुका है। सरकार के कुल प्रत्यक्ष कर में टीडीएस का 40 प्रतिशत तक योगदान होता है।

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