Friday 7 December 2012

लाखों विद्यार्थियों का पढ़ने का सपना ध्वस्त

लाखों विद्यार्थियों का पढ़ने का सपना ध्वस्त
सरकार द्वारा विश्वविद्यालय के एक्ट में संशोधन करने से दूरस्थ शिक्षा ग्रहण करने वाले लाखों विद्यार्थियों का इसके जरिये पढ़ाई करने का रास्ता बंद हो गया है। अब प्रदेश में कोई भी विद्यार्थी मदवि के साथ अन्य किसी भी विश्वविद्यालय से दूरस्थ शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकेगा। अकेले मदवि से प्रति वर्ष करीब डेढ़ लाख विद्यार्थी दूरस्थ शिक्षा प्राप्त करते थे। प्रदेश में अन्य विश्वविद्यालयों में इनकी संख्या कई गुणा हो सकती है। दूरस्थ शिक्षा बंद किए जाने से मदवि सहित अन्य विश्वविद्यालयों में आर्थिक संकट खड़ा हो जाएगा। विश्वविद्यालयों के लिए दूरस्थ शिक्षा से होने वाली आमदनी आय का मुख्य स्त्रोत थी। प्रदेश सरकार ने हाल ही में विधानसभा सत्र में विश्वविद्यालय के एक्ट में दूसरा संशोधन किया था। इस संशोधन के गजट नोटिफिकेशन में साफ तौर पर विश्वविद्यालय में दूरस्थ शिक्षा को बंद कर दिया गया है। हालांकि बिल पेश करते समय स्टडी सेंटर को बंद किया था, लेकिन गजट नोटिफिकेशन में मदवि के कैंपस में दी जाने वाली दूरस्थ शिक्षा पर भी प्रतिबंध 

लगा दिया है। ऐसे में अकेले मदवि से दूरस्थ शिक्षा ग्रहण करने वाले करीब डेढ़ लाख विद्यार्थी प्रभावित हो गए हैं। इससे तो विद्यार्थियों के लिए दूरस्थ शिक्षा ग्रहण करने का एक तरह से रास्ता ही बंद हो गया है। प्रदेश में अन्य विश्वविद्यालय भी दायरे में : विधानसभा में पारित बिल के दायरे में प्रदेश के चारों विश्वविद्यालय आते हैं। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के अलावा, कुवि, चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा और भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय खानपुर कलां, सोनीपत में भी दूरस्थ शिक्षा पर प्रतिबंध लग गया है।

खानपुर कलां, सोनीपत में भी दूरस्थ शिक्षा पर प्रतिबंध लग गया है। इसलिए प्रदेश के किसी भी विश्वविद्यालय से विद्यार्थी दूरस्थ शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकेंगे। गजट नोटिफिकेशन हो चुका है : गर्ग मदवि के दूरस्थ शिक्षा विभाग के निदेशक प्रो. नरेंद्र कुमार गर्ग का कहना है कि विधानसभा द्वारा गजट नोटिफिकेशन में स्टडी सेंटर के साथ कैंपस से भी दूरस्थ शिक्षा को बंद कर दिया गया है। स्टडी सेंटर तो पहले ही बंद कर दिए गए थे, अब गजट नोटिफिकेशन के बाद दूरस्थ 





Posted: 05 Dec 2012 04:15 PM PST

 शिक्षा विभाग ने बुधवार को प्रदेश के मास्टरों की वरिष्ठता सूची को ऑन लाइन कर दिया है। इससे पदोन्नति आदि में किसी भी प्रकार की अनियमितता की आशंका नहीं रहेगी। 1018 पृष्ठ की इस सूची में प्रदेश के 20348 मास्टरों को शामिल किया गया है। शिक्षा विभाग ने डीएसई.एचआरवाई.जीओवी.इन पर यह सूची आदेश क्रमांक 2,80,-2009 एचआरएम-1 (1) पंचकूला दिनांक 5 दिसंबर 2012 के तहत जारी की है। मास्टर वर्ग एसोसिएशन के राज्य महासचिव विकास शर्मा ने बताया कि नई पदोन्नति सूचियां इसी वरिष्ठता सूची के आधार पर निकाली जानी हैं। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन विभाग पर स्थायीकरण सूची भी जल्द जारी करने का दबाव बना रही है
Posted: 05 Dec 2012 04:24 PM PST

: हरियाणा के बहुचर्चित जूनियर बेसिक ट्रेंड (जेबीटी) शिक्षक भर्ती घोटाले में आरोपी पूरनचंद की गत तीन दिसंबर को मौत हो गई। उनके वकील आरएल प्रसाद ने रोहिणी कोर्ट स्थित सीबीआइ के विशेष जज विनोद कुमार की अदालत में मंगलवार को अर्जी दायर कर यह जानकारी दी। उनकी अर्जी पर अदालत ने सीबीआइ को मौत का सत्यापन करने का निर्देश दिया है। सीबीआइ छह दिसंबर को रिपोर्ट अदालत में सौंपेगी। पूरनचंद पानीपत के लिए बनाई गई शिक्षक चयन समिति के सदस्य थे। वह पानीपत में ब्लॉक एजुकेशन अफसर के पद पर तैनात थे। इसके पूर्व इस मामले के चार आरोपी प्रभुदयाल, शशि भूषण, नत्थूराम व कमला देवी की मौत हो चुकी है। इन चारों का नाम आरोपियों की सूची से हटा दिया गया है। गौरतलब है कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला, उनके विशेष कार्य अधिकारी विद्याधर, पुत्र अजय सिंह चौटाला व तत्कालीन शिक्षा निदेशक संजीव कुमार सहित 62 लोगों को सीबीआइ ने इस मामले में आरोपी बनाया था

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