पात्र अध्यापक कल से करेंगे आमरण अनशन
चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो : नियमित अध्यापकों की भर्ती में चार वर्ष के अनुभव पर पात्रता परीक्षा से छूट के विरोध में पात्र अध्यापक मंगलवार से शिक्षा निदेशालय पर आमरण अनशन शुरू करेंगे।
भर्ती के संबंध में बनाए गए नए सेवा नियमों पर विवाद जारी है। जहां पहले सरकार ने पांच वर्ष के अनुबंध पर शिक्षकों को भर्ती करने का निर्णय लिया था, वहीं बाद में राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ व अन्य शिक्षक संगठनों के विरोध के बाद उस निर्णय को रद्द कर नियमित आधार पर ही नियुक्तियां करने का फैसला लिया गया है। प्रदेश में पहले से ही एक लाख से ज्यादा पात्रता परीक्षा पास युवाओं के होने के बावजूद सरकार द्वारा चार साल के अनुभव वाले अध्यापकों को पात्रता परीक्षा से छूट देने के निर्णय पर सरकार व अधिकारियों को इस निर्णय पर सफाई देना भारी पड़ रहा है। पात्र अध्यापक संघ की महिला विंग की अध्यक्ष अर्चना सुहासिनी ने कहा कि सरकार ने अतिथि अध्यापकों को अंदर खाते एडजस्ट करने के लिए ही पात्रता परीक्षा से छूट देने का निर्णय लिया गया है। उन्हांेने कहा कि पात्र अध्यापक संघ छूट का निर्णय रद्द होने तक संघर्ष जारी रखेगा व मंगलवार से पंचकूला स्थित शिक्षा निदेशालय के बाहर आमरण अनशन शुरू करेगा। पात्र अध्यापक अपने साथ हो रहे अन्याय को सहन करने की बजाय अन्याय के विरुद्ध संघर्ष में अपने प्राणों की आहुति देना ज्यादा बेहतर समझते हैं। दरअसल पात्र अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शर्मा व अन्य पदाधिकारियों ने शिक्षा के अधिकार कानून के तहत शिक्षकों की योग्यता के प्रावधान का उल्लंघन करने व अतिथि अध्यापकों को प्रदेश के एक लाख युवाओं से ज्यादा तरजीह देने का मामला गत 18 अप्रैल को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के समक्ष उठाया था। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी से भी मिले थे। इस पर कांग्रेस महासचिव व हरियाणा मामलों के प्रभारी बीके हरिप्रसाद ने एक पत्र भेजकर सरकार को कदम उठाने को कहा।
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